किसानों के लिए गेहूं की फसल बेहद अहम होती है। इसका सही देखभाल करना फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद करता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी गेहूं की फसल में कल्ले भरपूर आएं और पूरा खेत हरा-भरा नजर आए, तो गेहूं की बुवाई के 21 से 30 दिनों का समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं इस दौरान क्या-क्या करना चाहिए।
पहली सिंचाई का सही समय और तरीका
बुवाई के 21 से 25 दिनों के भीतर गेहूं की पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। इस समय फसल कल्ले करने की अवस्था में होती है। सिंचाई करते वक्त ध्यान रखें कि खेत में पानी ज्यादा न भर जाए। अगर पानी ज्यादा हो जाए, तो जल निकासी का तुरंत प्रबंध करें। सही सिंचाई से पौधों में तेजी से कल्ले निकलने लगते हैं, जो फसल की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।
सिंचाई के बाद उर्वरकों का सही इस्तेमाल
सिंचाई के 5-6 दिन बाद, जब मिट्टी में हल्की नमी हो और खेत में पैर टिकने लगे, तो यूरिया का छिड़काव करें। 1 एकड़ जमीन के लिए 40-50 किलोग्राम यूरिया का इस्तेमाल करें। यूरिया में मौजूद नाइट्रोजन पौधों को तेजी से बढ़ने में मदद करती है और हरे-भरे कल्लों की संख्या बढ़ाती है।
अगर आप जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बायोवीटा एक अच्छा विकल्प है। इसे यूरिया के साथ मिलाकर 1 एकड़ के लिए 5 किलोग्राम तक छिड़क सकते हैं। इसमें सल्फर, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कैल्शियम, कोबाल्ट और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाते हैं।
बायोवीटा न मिले तो क्या करें?
अगर बाजार में बायोवीटा उपलब्ध नहीं है, तो आप जिंक सल्फेट, फेरस सल्फेट और मैग्नीशियम सल्फेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। 500 ग्राम जिंक सल्फेट, 500 ग्राम फेरस सल्फेट और 500 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट को 100 लीटर पानी में घोलकर शाम के समय फसल पर छिड़काव करें। इससे फसल तेजी से बढ़ेगी और कल्ले भरपूर आएंगे।
ध्यान देने वाली जरूरी बातें
– सिंचाई के दौरान पानी का संतुलन बनाए रखें।
– पोषक तत्वों का छिड़काव सही समय पर और उचित मात्रा में करें।
– जैविक और रासायनिक खादों का संयोजन पौधों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
अगर आप इन बातों का पालन करते हैं, तो आपकी गेहूं की फसल में कल्लों की संख्या बढ़ेगी और खेत हरियाली से भर जाएगा। सही देखभाल से न केवल आपकी पैदावार बढ़ेगी, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। कृषि विशेषज्ञों की इन सलाहों को अपनाएं और अपनी फसल को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं!
गेहूं की फसल से जुड़ी सामान्य सवाल-जवाब (FAQ)
सवाल: गेहूं की फसल में पहली सिंचाई कब करनी चाहिए?
जवाब: गेहूं की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 21 से 25 दिनों के भीतर करनी चाहिए। इस समय पौधे कल्ले करने की अवस्था में होते हैं।
सवाल: पहली सिंचाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब: खेत में पानी का अधिक जमाव न होने दें और अगर सिंचाई ज्यादा हो जाए तो जल निकासी का तुरंत प्रबंध करें। इसके अलावा खेत को हल्की नमी की अवस्था में रखें।
सवाल: यूरिया का छिड़काव कब और कैसे करना चाहिए?
जवाब: सिंचाई के 5-6 दिन बाद, जब मिट्टी में नमी हो और खेत में पैर टिक सके, तो 1 एकड़ फसल के लिए 40-50 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें। यूरिया पौधों को हरा-भरा बनाता है और तेजी से कल्ले निकलते हैं।
सवाल: बायोवीटा का इस्तेमाल क्यों करें और इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए?
जवाब: बायोवीटा में सल्फर, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कैल्शियम, कोबाल्ट और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की बढ़वार में मदद करते हैं। 1 एकड़ फसल के लिए 5 किलोग्राम बायोवीटा यूरिया के साथ मिलाकर छिड़काव करें।
सवाल: अगर बायोवीटा बाजार में न मिले, तो क्या करें?
जवाब: बायोवीटा के विकल्प के तौर पर 500 ग्राम जिंक सल्फेट, 500 ग्राम फेरस सल्फेट और 500 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट को 100 लीटर पानी में मिलाकर शाम के समय छिड़काव करें।